इंसान की बर्बादी के 4 मुख्य कारण | A Monk Story| Buddha story in Hindi

इंसान की बर्बादी के 4 मुख्य कारण | A Monk Story| Buddha story in Hindi

इंसान की बर्बादी के 4 कारण | एक साधु की कहानी | Goutam Buddha Story Hindi In Video A Motivational Story to don't Destroy Life . listen this after you get haply life. Buddha hindi story in this video about how to save your life.. जाने अनजाने में हम कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं जिसका पछतावा हमें फिर बाद में होता है और जब हमें उस गलती का पता चलता है तो बहुत देर हो जाती है तब तक हम बर्बाद हो चुके होते हैं तो आखिर वह कौन सी गलतियां हैं जो हमें पता नहीं है जो हमें बर्बाद कर रही है चलिए आइए आज मैं आपको इस कहानी के माध्यम से यही बताऊंगा कि इंसान कौन सी गलतियां करता है जिससे कि वह बर्बाद हो जाता है और हमें यदि अपनी बर्बादी के कारण को जान जाए तो हम अपने जीवन को सुखमय बना सकते है Knowingly or unknowingly, we make some such mistakes which we regret later and when we come to know about that mistake, it is too late till then we are ruined, so what are those mistakes that we Don't know what is ruining us, come on, today I will tell you through this story that what are the mistakes made by a human being, due to which it gets ruined and if we know the reason for our ruin, then we can save our life. can make happy. मनुष्य को  बर्बाद करने वाली पहली आदत है, इच्छा। क्योंकि इच्छा ही दुनिया के हर एक व्यक्ति के अंदर, सबसे पहला अवगुण  होता है, और जो व्यक्ति अपनी इच्छाओं को नियंत्रण में नहीं रख पाता है, वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो पाता है। क्योंकि जैसे ही उसकी एक इच्छा पूरी होती है, वह दूसरी की ओर बढ़ने लगता है, और दूसरी पूरी होती है, तो तीसरी इच्छा उसके मन में जागृत हो जाती है। और फिर ऐसे करते-करते, इच्छाओं पर नियंत्रण न होने के कारण, इसी जाल में उलझा रहता है, और दुखी सकता है। इसलिए राजन, जब हम इच्छाओं पर नियंत्रण कर लेते हैं, तो हम हमारे मन पर भी नियंत्रण कर लेते हैं, और जब हमारा मन हमारे बस में होता है, तो हमें सुख की प्राप्ति होती है। फिर जो हम चाहते हैं वही हमारे साथ होता है मनुष्य को बर्बाद करने वाली दूसरी आदत है, वासना। वासना का जन्म हमारे मन में उठने वाली इच्छाओं से होता है, जिस प्रकार इच्छा का कोई अंत नहीं होता, और मनुष्य वासना के जाल में फसता ही चला जाता है। वासना के वासीबुत होकर, मनुष्यों को कुछ भी नजर नहीं आता है, आज तक जितनी भी लढ़ाइयां हुई है, उनका सबसे बढ़ा कारण, स्त्री को पाने की इच्छा ही रही है। स्त्री के प्रेम में वासीबुत होकर, राजा महाराजाओं ने आज से पहले बहुत सारे युद्ध किए हैं। रावण संसार का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति था, लेकिन उसने भी माता सीता की सुंदरता के फेर में आकर, अपना सब कुछ बर्बाद कर लिया, उसकी मृत्यु का कारण, एक स्त्री ही बनी थी। कई राजा महाराजा तो युद्ध में इसलिए हार गए, क्योंकि वो लोग स्त्रियों से रासलीला रचने में ही रह गए, ईश्वर ने तो स्त्री की उत्पत्ति इस संसार को बढ़ाने के लिए की है। लेकिन आजकल लोगों ने इसे अपनी वासना का शिकार बना लिया है, अपने मनोरंजन का साधन समझने लगे हैं, और जब उन्हें अपना यह मनोरंजन नहीं मिलता, तो वो पागल हो जाते हैं, और ना जाने क्या-क्या कर बैठते हैं। मनुष्यों को बर्बाद करने वाली तीसरी आदत है, क्रोध। क्योंकि जब मनुष्य की वासना की पूर्ति नहीं होती है, तो उसके अंदर क्रोध उत्पन्न हो जाता है, और जब व्यक्ति को क्रोध आता है, तो उस पर उसका नियंत्रण नहीं होता है, और फिर वो क्रोध में आकर कई गलत निर्णय ले लेता है। वो दूसरों को भला बुरा कर देता है, गलियां निकाल देता है, और जब उनका क्रोध शांत होता है, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हो जाता है। लेकिन तब तक तो सब कुछ बर्बाद हो चुका होता है, क्रोध के कारण मनुष्य के कई बने बनाए कम भी बिगड़ जाते हैं। जब मनुष्य के भीतर क्रोध उत्पन्न होता है, तो वो अंदर से बहुत कमजोर हो जाता है, और एक कमजोर मनुष्य कुछ भी नहीं कर सकता है, उसे कभी भी सफलता हासिल नहीं हो सकती। क्रोध हमारे भीतर तनाव को उत्पन्न करता है, और अगर एक बार हम तनाव में चले गए, तो हमारा पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है मनुष्य को बर्बाद करने वाली चौथी आदत है, लालच। हे राजन, लालच का  फल सदैव बुरा होता है, लालच में पढ़कर हम बहुत से लोगों का बुरा कर देते हैं, हर मनुष्य के जीवन में कभी ना कभी ऐसे अवसर अवश्य आते हैं, जब वह लालच कर बैठता है। और अधिक पाने की लालसा में, वह कुछ ऐसा कर बैठता है, जिससे जो उसके पास था, वह उसे भी गवा देता है। क्योंकि जैसे ही व्यक्ति की एक इच्छा पुरी होती है, उसका लालच बढ़ जाता है, और उसके मन में और कई आकांक्षाएं जन्म लेने लगती है। जो व्यक्ति लालच करता है, वह कामयाबी से कोसों दूर रहता है, क्योंकि एक ना एक दिन, लालच का दुश्मन सामने आता ही है। अगर हम समय रहते ही लालच को त्याग दें, और उसकी फेर में पढ़ें, तो हम एक सफल व्यक्ति अवश्य बन सकते हैं। फिर अंत में सन्यासी राजा से कहता है, कि हे राजन, अगर मनुष्य चारों आदतों को छोढ़ देता है, तो उसे जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। जो इन आदतों को नहीं छोढ़ता है, उसे जीवन में बर्बाद होने से कोई रोक सकता। #howtobehappy #motivational #इंसानकीबर्बादीके4मुख्यकारण #AMonkStory #BuddhastoryinHindi #moralstory #buddhiststory #zenstory #monkstory #monkstoryinhindi #eksadhukikahani #ancientstory #weinspired #buddhainspired #dharmafables FAIR USE: Copyright Disclaimer under section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, education and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. This video has no any negative impact.This video is also for teaching purposes.