भवसागर से पर के लिए श्रीमद् भागवत गीता का तीसराअध्याय

भवसागर से पर के लिए श्रीमद् भागवत गीता का तीसराअध्याय

श्रीमद्भगवद्‌गीता माहात्म्य अध्याय 3 (Shrimad Bhagwad Gita Mahatmya in Hindi, Geeta Mahatmya Gyan) Spiritual Oneness #श्रीमद्भगवद्‌गीता​ #माहात्म्य​ #SpiritualOneness​ #ShrimadBhagwadGita​ #BhagwadGita​ #ShrimadBhagwad​ #GeetaMahatmya​ अध्याय 3 - श्रीमद्भगवद्‌गीता माहात्म्य (गीता पाठ के चमत्कार) Shrimad Bhagwad Gita Mahatmya in Hindi महाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवदगीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। गीता की गणना प्रस्थानत्रयी में की जाती है, जिसमें उपनिषद् और ब्रह्मसूत्र भी सम्मिलित हैं। अतएव भारतीय परम्परा के अनुसार गीता का स्थान वही है जो उपनिषद् और धर्मसूत्रों का है। उपनिषदों को गौ (गाय) और गीता को उसका दुग्ध कहा गया है। इसका तात्पर्य यह है कि उपनिषदों की श्रीमद भगवद गीता अध्याय 3 की सीख | LIFE Changing Lessons of Bhagavad Geeta Chapter 3 | Bhagwat Geeta #bestkrishnamotivationalspeech​ #bhagwatgeetasaarinhindi​ #krishnaspeech​ #geetagyaninhindi​ #geetaupdesh​ #krishnamotivationalspeech​ #krishnaupdesh​ #krishnamotivation​ #bhagavadgitachapter3​ #bhagavadgita​ #gitagyan​ #gitasaar​ #bhagwatgeetachapter3​ #lifechanginglessons​ #anmolsathi​ जो अध्यात्म विद्या थी, उसको गीता सर्वांश में स्वीकार करती है। उपनिषदों की अनेक विद्याएँ गीता में हैं। जैसे, संसार के स्वरूप के संबंध में अश्वत्थ विद्या, अनादि अजन्मा ब्रह्म के विषय में अव्ययपुरुष विद्या, परा प्रकृति या जीव के विषय में अक्षरपुरुष विद्या और अपरा प्रकृति या भौतिक जगत के विषय में क्षरपुरुष विद्या। इस प्रकार वेदों के ब्रह्मवाद और उपनिषदों के अध्यात्म, इन दोनों की विशिष्ट सामग्री गीता में संनिविष्ट है। उसे ही पुष्पिका के शब्दों में ब्रह्मविद्या कहा गया है।