Indian Constitution Part 1 Explained, Articles 1 to 4 भारत एक संघ : संविधान का भाग 1 पूरा विस्तार से 📘 Indian Constitution Part 1 Explained, Articles 1 to 4 भारत एक संघ : संविधान का भाग 1 पूरा विस्तार से भाग 1 : भारतीय संघ और उसके राज्य (अनुच्छेद 1 से 4) भारतीय संविधान का भाग 1, भारत के राजनीतिक ढांचे की नींव रखता है। इसमें बताया गया है कि भारत एक संघीय संरचना वाला देश है, जिसे “States and Union Territories” मिलकर बनाते हैं। इस भाग के अंतर्गत अनुच्छेद 1 से 4 तक भारत के नाम, क्षेत्रों, राज्यों के गठन, परिवर्तन और सीमाओं से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधान दिए गए हैं। 🔹 अनुच्छेद 1 – भारत का नाम और रूप भारत को “भारत” और “इंडिया” दोनों नामों से संबोधित किया गया है। भारत को राज्यों का संघ (Union of States) कहा गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत एक टूट-फूट से न बनने वाला, स्थायी संघ है। 🔹 अनुच्छेद 2 – नए राज्यों का प्रवेश संसद को अधिकार है कि वह नए राज्यों को भारत में शामिल कर सकती है। यह अनुच्छेद बाहरी क्षेत्रों के विलय से संबंधित है। 🔹 अनुच्छेद 3 – राज्य की सीमाओं में परिवर्तन संसद को अधिकार है कि वह— किसी राज्य की सीमाएँ बदल सकती है किसी राज्य के नाम में परिवर्तन कर सकती है नए राज्य बना सकती है दो या अधिक राज्यों को मिलाकर नया राज्य बना सकती है 🔹 अनुच्छेद 4 – कानूनों का स्वरूप अनुच्छेद 2 और 3 के तहत बनाए जाने वाले कानून संविधान संशोधन नहीं माने जाते। इन कानूनों के लिए अनुच्छेद 368 की प्रक्रिया आवश्यक नहीं होती। --- ⭐ संक्षेप में भाग 1 भारतीय संघ की मूल संरचना, राज्यों के गठन व परिवर्तन, तथा भारत की भौगोलिक और राजनीतिक एकता को सुनिश्चित करता है। यह भाग भारत को एक मजबूत, एकीकृत संघ के रूप में परिभाषित करता है। ---