डगर है मुश्किल कठिन सफ़र है | New Nirgun Bhajan | Dagar Hai Mushkil Kathin Safar Hai | Sant Bhajan डगर है मुश्किल कठिन सफ़र है | New Nirgun Bhajan | Dagar Hai Mushkil Kathin Safar Hai | Sant Bhajan डगर है मुश्किल कठिन सफ़र है एक भावपूर्ण निर्गुण भजन है, जो जीवन के सत्य, वैराग्य और प्रभु भक्ति का गहरा संदेश देता है। यह भजन इंसान को याद दिलाता है कि जीवन का मार्ग कठिन जरूर है, लेकिन ईश्वर नाम के सहारे हर सफ़र आसान हो जाता है। यह New Nirgun Bhajan संत परंपरा और निर्गुण वाणी की भावना से प्रेरित है, जिसे सुनकर मन को शांति और आत्मचिंतन का अनुभव होता है। 🙏 इस भजन को पूरे मन से सुनें और प्रभु नाम में लीन हो जाएँ। 👉 अगर आपको यह भजन पसंद आए तो वीडियो को Like करें 👍 👉 अपने परिवार और मित्रों के साथ Share करें 👉 Channel को Subscribe करें और Bell 🔔 Icon दबाएँ ताकि ऐसे ही नए निर्गुण भजन, संत भजन और आध्यात्मिक गीत सबसे पहले आपको मिलते रहें। 🌸 आपका एक Like और Subscribe हमें और अच्छे भजन लाने की प्रेरणा देता है। 🌸 🔔 निर्गुण भजन | संत भजन | भक्ति संगीत | आध्यात्मिक गीत #NirgunBhajan #डगर_है_मुश्किल_कठिन_सफ़र_है #SantBhajan #KabirBhajan #NirgunVani #BhaktiSong #HindiBhajan #SpiritualBhajan #DesiBhajan #Bhajan2025 Sundar Bhakti,सुन्दर भक्ति,Dagar Hai Mushkil Kathin Safar Hai, Nirgun Bhajan 2025, Satsangi Bhajan 2025, Chetawani Bhajan 2025, Nonstop Nirgun Bhajan 2025, New Nirgun Bhajan 2025, Best Nirgun Bhajan 2025, Latest Satsangi Bhajan 2025, Top Nirgun Bhajan Collection 2025, Satsang Bhajan 2025, Nirgun Satsangi Bhajan 2025, Bhakti Geet 2025, Nonstop Satsangi Bhajan Mala 2025, Trending Nirgun Bhajan 2025, Spiritual Bhajan 2025, Bhajan Kirtan 2025, Nirgun Bhakti Geet 2025, Hindi Bhakti Songs 2025, Bhajan 2025, New Bhajan 2025, Best Bhajan 2025, Top Bhakti Song 2025, Nonstop Bhajan 2025,Nirgun Bhakti Geet Lyrics डगर है मुश्किल कठिन सफर है मगर मुसाफिर जगा नहीं है जो सोएगा बस वही खोएगा जो सोएगा बस वही खोएगा ये बात उसको पता नहीं है डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं मगर मुसाफिर जगा नहीं है।। लगेंगे फल जब किसी वृक्ष में वो पेड़ झुक जाएंगे स्वतः ही अकड़ तने की बता रही है अकड़ तने की बता रही है अभी फल इसमें लगा नहीं है डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं मगर मुसाफिर जगा नहीं है।। जो खानदानी रईस होते मिजाज रखते है नर्म अपना तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं मगर मुसाफिर जगा नहीं है।। जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा की आके बैठे हो पहली शफ में अभी से उड़ने लगे हवा में अभी से उड़ने लगे हवा में अभी ये शोहरत नई नई है डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं मगर मुसाफिर जगा नहीं है।। डगर है मुश्किल कठिन सफर है मगर मुसाफिर जगा नहीं है जो सोएगा बस वही खोएगा जो सोएगा बस वही खोएगा ये बात उसको पता नहीं है डगर हैं मुश्किल कठिन सफर हैं मगर मुसाफिर जगा नहीं है।