बरसात की वो अंधेरी रात | Barsaat ki wo andheri raat Horror story | Bhootiya kahani | Horror Story Hindi About video In this terrifying horror story, listen to Rambali Chacha as he narrates an incident from his youth a nig...यह कहानी एक ऐसी घटना पर आधारित है जो आज भी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव के लोगों के जेहन में ताज़ा है। यह कहानी है साहस, अनहोनी और उस अंधेरे की जो सूरज ढलने के बाद जंगल की गहराइयों में दुबक जाता है। जंगल का वो रास्ता: एक खौफनाक अनुभव शहर की चकाचौंध में रहने वाले आर्यन के लिए 'भूत-प्रेत' सिर्फ कहानियों का हिस्सा थे। लेकिन उस शाम, पीलीभीत के घने जंगलों के बीच बसे अपने पुश्तैनी गाँव जाते समय, उसका सामना उस सच से हुआ जिसे विज्ञान नहीं मानता। शाम का धुंधलका और सन्नाटा आर्यन अपनी बाइक से गाँव की ओर जा रहा था। घड़ी में शाम के 6:15 बज रहे थे। दिसंबर की सर्दी और कोहरे ने विजिबिलिटी कम कर दी थी। मुख्य सड़क से गाँव जाने वाला रास्ता एक घने साल के जंगल से होकर गुजरता था। गाँव के बुजुर्ग हमेशा कहते थे, "सूरज डूबने के बाद इस रास्ते पर अकेले मत निकलना, यहाँ हवाएं बातें करती हैं।" आर्यन ने इन बातों को हमेशा अंधविश्वास माना। लेकिन जैसे ही उसने जंगल की सीमा में प्रवेश किया, उसे अहसास हुआ कि तापमान अचानक गिर गया है। हवा में एक अजीब सी सड़न वाली गंध थी—जैसे कुछ बहुत पुराना सड़ रहा हो। पहली आहट बाइक की हेडलाइट की रोशनी घने कोहरे को चीरने की कोशिश कर रही थी। तभी अचानक, आर्यन को लगा कि सड़क के किनारे कोई खड़ा है। उसने ब्रेक मारा। रोशनी में उसने देखा—एक बूढ़ी औरत, फटे-पुराने सफेद कपड़ों में, सिर झुकाए बैठी थी। "अम्मा, आप यहाँ इतनी रात को क्या कर रही हैं? गाँव चलना है?" आर्यन ने पूछा। वो औरत नहीं बोली। उसने धीरे से अपना हाथ उठाया और जंगल की गहरी झाड़ियों की तरफ इशारा किया। आर्यन को लगा शायद उसका कोई सामान गिर गया है। पर जैसे ही आर्यन ने अपनी हेडलाइट उस दिशा में घुमाई, उसके पैर तले जमीन खिसक गई। वहाँ कोई सामान नहीं था, बल्कि पत्तों के ढेर पर इंसानी हड्डियों का एक ढांचा पड़ा था। जब उसने वापस मुड़कर उस औरत को देखना चाहा, तो सड़क खाली थी। वह औरत गायब हो चुकी थी। रूह कंपा देने वाला पीछा आर्यन का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने बाइक स्टार्ट की और तेजी से भागने की कोशिश की। लेकिन अजीब बात थी—बाइक की रफ्तार 60 किमी/घंटा थी, फिर भी उसे लग रहा था कि वह वहीं का वहीं खड़ा है। पेड़ जैसे पीछे जाने के बजाय उसके साथ चल रहे थे। तभी उसे अपने कान के पास एक ठंडी फुसफुसाहट सुनाई दी: "इतनी जल्दी क्या है बेटा? अभी तो रात शुरू हुई है..." उसने साइड मिरर में देखा। पीछे कोई नहीं था, लेकिन बाइक की पिछली सीट थोड़ी दबी हुई थी, जैसे कोई अदृश्य भार उस पर बैठा हो। बाइक भारी होने लगी और इंजन से चीखने जैसी आवाजें आने लगीं। वो वीरान बरगद करीब दो किलोमीटर बाद, उसे रास्ते के बीचों-बीच एक विशाल बरगद का पेड़ दिखा। गाँव वाले इसे 'खूनी बरगद' कहते थे। वहाँ पहुँचते ही आर्यन की बाइक अचानक बंद हो गई। उसने बार-बार किक मारी, लेकिन सब बेकार। सन्नाटा इतना गहरा था कि आर्यन को अपनी खुद की सांसें गूंजती हुई सुनाई दे रही थीं। तभी ऊपर से कुछ गिरा। एक चिपचिपा, लाल रंग का तरल पदार्थ उसकी टंकी पर गिरा। आर्यन ने ऊपर देखा—ऊपर कोई जानवर नहीं था। पेड़ की टहनियों के बीच से दर्जनों आँखें उसे घूर रही थीं। वो आँखें चमक रही थीं—बिल्कुल अंगारों की तरह। वह भागने लगा। वह अपनी बाइक वहीं छोड़ जंगल की पगडंडी पर दौड़ने लगा। उसे महसूस हो रहा था कि पीछे से कोई उसके पैरों को पकड़ने की कोशिश कर रहा है। बचाव और सच का सामना दौड़ते-दौड़ते वह एक पुरानी मजार के पास पहुँचा। वहाँ एक दीया जल रहा था। आर्यन वहीं गिर पड़ा और बेहोश हो गया। अगली सुबह जब उसकी आँख खुली, तो उसने खुद को गाँव के मंदिर में पाया। गाँव के पुजारी ने बताया कि उसे रात को बेहोशी की हालत में मजार के पास से पाया गया था। जब लोग उसकी बाइक लेने जंगल गए, तो देखा कि बाइक के टायर के पास मिट्टी में किसी बड़े हाथ के निशान थे, जो किसी इंसान के नहीं हो सकते थे। बुजुर्गों ने बताया कि सालों पहले उस रास्ते पर एक काफिला गायब हो गया था, और तब से वह जंगल उन अतृप्त आत्माओं का ठिकाना बन गया है। कहानी का सार आर्यन आज भी उस शाम को याद कर कांप उठता है। उसने शहर वापस जाकर सबको बताया कि दुनिया में ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो हमारी समझ से परे हैं। विज्ञान जहाँ खत्म होता है, वहाँ से अनजान शक्तियों का साम्राज्य शुरू होता है। सावधानी: अगर आप कभी किसी घने जंगल से गुजरें और कोई अनजानी गंध या आवाज आए, तो पीछे मुड़कर न देखें। बस चलते रहें। क्या आप इस कहानी के किसी खास हिस्से को और विस्तार देना चाहते हैं या किसी दूसरी डरावनी जगह के बारे में जानना चाहते हैं?