MOCK TEST भारतीय संविधान की प्रस्तावना | राजव्यवस्था | Indian Constitution | Preamble #civilservices #polity 🇮🇳✨ क्या आपने कभी सोचा है कि भारत का संविधान हमारे जीवन को किस तरह प्रभावित करता है? 🇮🇳✨ इस वीडियो में हम संरचना के दिल में मौजूद 'प्रस्तावना' की शक्ति को उजागर करेंगे। ये न केवल हमारे अधिकारों और कर्तव्यों का सार है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की नींव भी है। आइए जानते हैं कि कैसे प्रस्तावना हमें एक सशक्त और समावेशी समाज की दिशा में बढ़ने की प्रेरणा देती है। 📜🔍 संविधान की यह प्रस्तावना हमें न सिर्फ समानता, स्वतंत्रता और न्याय का पाठ पढ़ाती है, बल्कि हमारे संकल्पों को भी दर्शाती है। क्या आप जानते हैं कि यह प्रस्तावना हमारे देश की आत्मा है? इसे समझकर हम ना केवल अपने अधिकारों को जान सकते हैं, बल्कि दायित्वों को भी निभाने का संकल्प ले सकते हैं। इस यात्रा में हमारे साथ जुड़ें और जानें कि कैसे यह संविधान हमारे जीवन के हर पहलू को आकार देता है! 💪💖 #IndianPolity #Constitution #Preamble #Democracy #Education #vikasdivyakirtisir #khansir #targetonlineexam #targetentranceexam #upsc #uppsc #polity_exampur #polityupsc #generalstudies #onlineclasses #sscchsl #sscgd #ssccgl #sscchsl #timeandwork #study भारतीय संविधान की प्रस्तावना | Preamble of the Indian Constitution in Hindi ” हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए और उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म व उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता तथा अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज दिनांक 26 नवंबर 1949 ई. ( मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी ) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। पूर्ण विश्लेषण सुक्ष्म रूप से भारत के संविधान की प्रस्तावना क्या है? What is Preamble of the Indian Constitution? संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान का निर्माण किया गया था। संविधान सभा में 13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा एक उद्देशिका पेश की गयी थी, जिसमें यह बताया गया था कि किस प्रकार का संविधान तैयार किया जाना है। इसी उद्देशिका से जुड़ा हुआ जो प्रस्ताव था संविधान निर्माण के अंतिम चरण में प्रस्तावना के रूप में संविधान में शामिल किया गया था। संविधान सभा ने इस प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को स्वीकार किया था । संविधान की प्रस्तावना को उद्देशिका के नाम से भी जाना जाता है। शब्द ‘प्रस्तावना’ संविधान के परिचय या प्रस्तावना को संदर्भित करता है। यह संविधान का सार है। अमेरिका का संविधान प्रस्तावना के साथ शुरू होने वाला पहला संविधान था। एन.ए. पालकीवाला ने प्रस्तावना को ‘संविधान का पहचान पत्र‘ कहा है। प्रस्तावना कुछ हद तक ‘उद्देश्य संकल्प’ पर आधारित है। प्रस्तावना में केवल एक बार संशोधन किया गया है, जो 1976 के 42वें संशोधन (42nd Amendment) अधिनियम द्वारा किया गया था। इस संशोधन में तीन शब्द – समाजवादी, धर्म निरपेक्ष और अखंडता को शामिल किया गया। भारतीय संविधान प्रस्तावना PDF प्रस्तावना के चार अवयवों या घटकों से पता चलता है: संविधानकेअधिकारकास्रोत: प्रस्तावना बताती है कि संविधान भारत के लोगों से अपना अधिकार प्राप्त करता है। भारतीयराज्यकीप्रकृति: यह भारत को एक सार्वभौम, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक और गणतंत्रवादी राज्य के रूप में घोषित करता है। संविधानकेउद्देश्य: भारत के नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाई-चारा प्रदान करना है। संविधान को अपनाने की तिथि: 26 नवंबर, 1949। बरुभाड़ी संघ मामला (1960) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है। केशवानंद भारती मामला (1973) – सर्वोच्च न्यायालय ने पहले की राय को खारिज कर दिया और कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा है। प्रस्तावना न तो विधानमंडल की शक्ति का स्रोत है और न ही विधायिका के अधिकारों पर प्रतिबंध है। प्रस्तावना के प्रावधान कोर्ट ऑफ लॉ में लागू नहीं होते हैं, अर्थात यह गैर-न्यायसंगत है। अगर क्लास अच्छी लगे तो Like, share, Comment & Subscribe करे।।