#महामृत्युंजय #song #mantra #music #bhajan #love #budhbeejmantra108times #108 मंत्र का अर्थ है, "हम तीन नेत्र वाले, सुगंधित, पुष्टि करने वाले, शिव की पूजा करते हैं। जैसे खीरा अपनी शाखा से बंधा होता है, वैसे ही हम मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर अमरता में प्रवेश करें।" विस्तार से: ॐ त्र्यम्बकं: यह शिव को संबोधित करता है, जो त्र्यम्बक (तीन नेत्र वाले) हैं। यजामहे: हम पूजा करते हैं, सम्मान करते हैं। सुगन्धिं: सुगंधित, जो पूरे संसार में खुशबू फैलाते हैं। पुष्टिवर्धनम्: जो पोषण करते हैं, शक्ति देते हैं। उर्वारुकमिव बन्धनात्: जैसे खीरा अपनी शाखा से बंधा होता है। मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्: मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर अमरता में प्रवेश करें। यह मंत्र शिव से प्रार्थना है कि वह हमें मृत्यु के बंधन से मुक्त करें और हमें अमरता प्रदान करें। यह एक शक्तिशाली मंत्र है, जिसे अकाल मृत्यु, रोग, और अन्य कठिनाइयों से बचने के लिए जपा जाता है।