108 महामृत्‍युंजय मंत्र जप | Shiva Mahamrityunjay Mantra | 108 times with hindi/english meaning

108 महामृत्‍युंजय मंत्र जप | Shiva Mahamrityunjay Mantra | 108 times with hindi/english meaning

OM NAMAH SHIVAAY! May lord Shiva bless us all. महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव की आराधाना के लिए समर्पित होता है। आज हम आपको उनके सबसे प्रभावशाली महामृत्युंजय मंत्र के बारे में बता रहे हैं। महामृत्युंजय मंत्र के जाप की विधि क्या है? महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ क्या है? महामृत्युंजय मंत्र के जाप से होने वाले लाभ क्या हैं? संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। महामृत्‍युंजय मंत्र का अर्थ हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं। Om, We Worship the Tryambaka (the Three-Eyed One), who is fragrant (as the spiritual essence), increasing the nourishment (of our spiritual core), liberate me from these many bondages (of samsara/maya) similar to cucumbers (tied to their creepers), May I be Liberated from death (attachment to perishable things), so that I am not separated from the perception of immortality (immortal essence pervading everywhere). महामृत्‍युंजय मंत्र जप की विधि: महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप 108 करना चाहिए। सावन माह में इस मंत्र का जाप अत्यंत ही कल्याणकारी माना जाता है। वैसे आप यदि अन्य माह में इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो सोमवार ​के दिन से इसका प्रारंभ करना चाहिए। इस मंत्र के जाप में रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें। इस बात का ध्यान रखें कि दोपहर 12 बजे के बाद महामृत्‍युंजय मंत्र का जाप न करें। मंत्र का जाप पूर्ण होने के बाद हवन करन उत्तम माना जाता है। क्यों करते हैं महामृत्युंजय मंत्र का जाप: महामृत्युंजय मंत्र का जाप विशेष परिस्थितियों में किया जाता है। अकाल मृत्यु, महारोग, धन-हानि, गृह क्लेश, ग्रहबाधा, ग्रहपीड़ा, सजा का भय, प्रॉपर्टी विवाद, समस्त पापों से मुक्ति आदि जैसे स्थितियों में भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है। इसके चमत्कारिक लाभ देखने को मिलते हैं। इन सभी समस्याओं से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाता है।