गाँव का नज़ारा 🫣

गाँव का नज़ारा 🫣

गाँव का नज़ारा 🫣 अगर हम ग्रामीण जीवन की बात करे, तो सबसे पहला प्रश्न यह उठता है कि आखिर गाँव है क्या ? तो जवाब में, मै आपको बताना चाहूंगी कि जब कुछ लोगों का एक समुह एक निश्चित छोटे स्थान या बस्ति में रहता है, उसे गाँव कहते है। गाँव के लोग अपने जीवन यापन के लिए कृषि या अन्य पारंपरिक उद्योगो पर निर्भर करते है। और यहाँ इन गाँवों में शहरों की अपेक्षा कम सुविधा पहले के समय में जब सुख सुविधाएँ एवं संसाधन नहीं हुआ करते थे. तो सारे लोग बिना छोटी सी बस्ती या स्थान पर रहा करते थे. उसे गाँव कहा जाता है. धीरे धीरे जब दुनिया में लोगों ने एक के बाद एक अनुसंधान करते हुए विकास सुविधाओं को उत्पन्न किया और उसका लगातार विकास किया तो फिर शहर की उत्पत्ति हुई. किन्तु आज भी कुछ जगह ऐसी है जहाँ पर यह सुविधाएँ नहीं पहुंच पाई है. इसलिए आज भी दुनिया है कई गांव मौजूद है. गाँव में रहने वाले लोगों का जीवन बहुत ही साधारण होता है. उनका पूरा जीवन कृषि या उससे संबंधित उद्योगों पर निर्भर करता है. भारतीय ग्राम कहा जाता है कि भारत गाँवो का देश है, और सही भी यही है क्यूकी यहाँ की अधिक्तर जनसंख्या गाँवो में वास करती है। भारत वासी अपने विकास के लिए भारतीय कृषि पर ही निर्भर करते है। सादा जीवन उच्च विचार यही भारतीय ग्रामों की पहचान है। जब भी मन में भारतीय ग्राम का विचार आता है, तो खेतों में दूर-दूर तक लहलहाती हुई हरी फसले, कड़ी धूप और खुले आसमान के नीचे काम करता किसान, घरो की बागदौड़ संभालती घर की स्त्रियों की छवि आखों के सामने आ जाती है। पेड़ों की ताजी हवा, ताजा और शुध्द दूध, रसायनो से मुक्त ताजी-ताजी सब्जियाँ, गाँवो के चौपालों की रौनक आदि चिजें आज भी भारत वासियों को गाँव की ओर खीच ले जाती है। सभी ग्राम वासियों का एक दूसरे के लिए लगाव, उनका एक दूसरे की मदद के लिए सदैव तत्पर रहना गावों की विशेषता है। Join Our WhatsApp Group! Deepawali Divine information in Hindi लेख ग्रामीण जीवन पर लेख, निबंध | Gramin Jeevan Par Nibandh Essay in Hindi July 5, 2023 By Sneha ग्रामीण जीवन पर लेख, निबंध, विशेषताएं, लाभ, समस्याएं, समाधान (Gramin Jeevan Samasya Essay in Hindi) (Benefit, Problem, Features) अगर हम ग्रामीण जीवन की बात करे, तो सबसे पहला प्रश्न यह उठता है कि आखिर गाँव है क्या ? तो जवाब में, मै आपको बताना चाहूंगी कि जब कुछ लोगों का एक समुह एक निश्चित छोटे स्थान या बस्ति में रहता है, उसे गाँव कहते है। गाँव के लोग अपने जीवन यापन के लिए कृषि या अन्य पारंपरिक उद्योगो पर निर्भर करते है। और यहाँ इन गाँवों में शहरों की अपेक्षा कम सुविधाये और संसाधन उपलब्ध होते है। Gramin jeevan samasya Table of Contents ग्रामीण जीवन पर निबंध प्रस्तावना भारतीय ग्राम ग्रामीण जीवन की विशेषताएँ कृषि पर आधारित संयुक्त परिवार जाति भेद पंचांग का उपयोग सादा जीवन मंद गति से विकास गरीबी अशिक्षा ग्रामीण जीवन की समस्याएँ (Gramin jeevan ki samasya) ग्रामीण असुविधाएँ शिक्षा का अभाव विकास की धीमी रफ्तार स्वास्थ की सम्पूर्ण सुविधा उपलब्ध न होना मौसम की मार अवैधानिक तत्वो की मौजूदगी परिवहन के साधनों का अभाव भौतिक सुख सुविधाओ का अभाव मनोरंजन के साधनों का अभाव ग्रामीण जीवन के लाभ/फायदे (Gramin Jeevan ke Labh) शुध्द प्रकृतिक वातावरण शुद्ध रसायन मुक्त भोजन त्योहारों का सही आनंद एक दूसरे की मदद के लिये सदैव तत्पर शहरी भागदौड़ से दूर सुकून की ज़िंदगी ग्रामीण जीवन में सुधार कैसे लायें ग्रामीण जीवन एवं शहरी जीवन में अंतर उपसंहार FAQ ग्रामीण जीवन पर निबंध प्रस्तावना पहले के समय में जब सुख सुविधाएँ एवं संसाधन नहीं हुआ करते थे. तो सारे लोग बिना छोटी सी बस्ती या स्थान पर रहा करते थे. उसे गाँव कहा जाता है. धीरे धीरे जब दुनिया में लोगों ने एक के बाद एक अनुसंधान करते हुए विकास सुविधाओं को उत्पन्न किया और उसका लगातार विकास किया तो फिर शहर की उत्पत्ति हुई. किन्तु आज भी कुछ जगह ऐसी है जहाँ पर यह सुविधाएँ नहीं पहुंच पाई है. इसलिए आज भी दुनिया है कई गांव मौजूद है. गाँव में रहने वाले लोगों का जीवन बहुत ही साधारण होता है. उनका पूरा जीवन कृषि या उससे संबंधित उद्योगों पर निर्भर करता है. भारतीय ग्राम कहा जाता है कि भारत गाँवो का देश है, और सही भी यही है क्यूकी यहाँ की अधिक्तर जनसंख्या गाँवो में वास करती है। भारत वासी अपने विकास के लिए भारतीय कृषि पर ही निर्भर करते है। सादा जीवन उच्च विचार यही भारतीय ग्रामों की पहचान है। जब भी मन में भारतीय ग्राम का विचार आता है, तो खेतों में दूर-दूर तक लहलहाती हुई हरी फसले, कड़ी धूप और खुले आसमान के नीचे काम करता किसान, घरो की बागदौड़ संभालती घर की स्त्रियों की छवि आखों के सामने आ जाती है। पेड़ों की ताजी हवा, ताजा और शुध्द दूध, रसायनो से मुक्त ताजी-ताजी सब्जियाँ, गाँवो के चौपालों की रौनक आदि चिजें आज भी भारत वासियों को गाँव की ओर खीच ले जाती है। सभी ग्राम वासियों का एक दूसरे के लिए लगाव, उनका एक दूसरे की मदद के लिए सदैव तत्पर रहना गावों की विशेषता है। ग्रामीण जीवन की विशेषताएँ कृषि पर आधारित भारतीय ग्रामीण जीवन कृषि पर आधारित है, कृषि ही लोगों का प्रमुख व्यवसाय है। गाँव में मौजूद जो लोग कुछ अन्य व्यवसाय भी करते है, तो उनका व्यवसाय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर भी निर्भर करता है। संयुक्त परिवार जहाँ शहरों में संयुक्त परिवार विरले ही दिखाई पढ़ते है, वही गाँवो में इसका महत्व आज भी कायम है। जाति भेद जहाँ शहरों में जाति, समाज आदि को छोड़कर लोग आगे बड़ चुके है, वही गाँवो में आज भी इन सब चीजों को महत्व दिया जाता है। जो की बहुत गलत है। पंचांग का उपयोग जहाँ शहरी लोग तीज त्योहारों को भी भूल चुके है, वही ग्रामीण लोग आज भी भारतीय पंचांग को फॉलो करते है।